ई संजीवनी और ई संजीवनी ओपीडी

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 9 अगस्त 2020 को राज्यों / केन्‍द्र शासित प्रदेशों के साथ ‘ई संजीवनी’ और ‘ई संजीवनी ओपीडी’ प्‍लेटफार्मों के बारे में एक समीक्षा बैठक की अध्‍यक्षता की। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के टेली मेडिसिन सेवा प्‍लेटफॉर्मों पर 1.5 लाख टेली-परामर्श पूरे हो गए हैं।

ई संजीवनी’ और ‘ई संजीवनी ओपीडी’

नवम्‍बर 2019 के बाद बहुत कम समय मेंही ‘ई संजीवनी’ (eSanjeevani) और ‘ई संजीवनी ओपीडी’ (eSanjeevaniOPD) द्वारा टेली-परामर्श 23 राज्यों (जिसमें 75 प्रतिशतआबादीरहती है) द्वारा लागू किया गया और अन्य राज्य इसको शुरू करने की प्रक्रिया में हैं।

ई संजीवनी प्लेटफॉर्म ने दो प्रकार की टेली-मेडिसिन सेवाओं को सक्षम बनाया है जैसे डॉक्टर-से-डॉक्टर (ई संजीवनी) और रोगी-से-डॉक्टर (ई संजीवनीओपीडी) टेली-परामर्श।

ई संजीवनी सेवा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के तहत लागू की गई है। दिसम्‍बर 2022 तक ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल में सभी 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्रोंमें टेली-परामर्श लागू करने की योजना बनाई गई है।

राज्यों ने चिकित्‍सा कॉलेजों और जिला अस्पतालों में स्पोक्‍स जैसेएसएचसी और पीएचसी को टेली-परामर्श सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए समर्पित केन्‍द्रों की पहचान की है और उन्‍हें स्‍थापित किया है।

आज सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों को मिलाकर 12,000 उपयोगकर्ताओं को इस राष्ट्रीय ई-प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान मेंटेलीमेडिसिन 10 राज्यों में 3,000 से अधिक एचडब्ल्यूसी के माध्यम से उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

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