थाईलैंड और फ्रांस के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक ऐसी क्षुद्रग्रह प्रणाली की खोज की है जिसमें एक मुख्य क्षुद्रग्रह “इलेक्ट्रा” (Elektra) का घूर्णन तीन छोटे-छोटे चन्द्रमा कर रहे हैं।
- इसे ‘चतुष्क क्षुद्रग्रह प्रणाली’ (quadruple asteroid system) कहा जाता है। यह अब तक खोजी गयी पहली ‘चतुष्क क्षुद्रग्रह प्रणाली’ है।
- अधिकांश क्षुद्रग्रह एकल यात्री होते हैं, लेकिन कुछ गुरुत्वाकर्षण रूप से जोड़े में बंधे होते हैं – आमतौर पर एक छोटी वस्तु एक बड़े की परिक्रमा करती है। दुर्लभ अवसरों पर, ट्रिपल क्षुद्रग्रह प्रणाली पाई गई है, जिसमें दो चंद्रमा एक बड़े प्राथमिक पिंड की परिक्रमा कर रहे होते हैं।
- क्षुद्रग्रह इलेक्ट्रा, मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट के बाहरी क्षेत्र में सूर्य की परिक्रमा करते हुए, पहली बार 1873 में खोजा गया था। इसका पहला चंद्रमा 2003 में हर पांच दिनों में लगभग 1,300 किमी की दूरी पर इसकी परिक्रमा करते हुए देखा गया था। इसका दूसरा चंद्रमा 2014 में इलेक्ट्रा से हर 1.2 दिनों में 500 किमी की परिक्रमा करती हुई दिखाई दी।
- अब एक तीसरे चंद्रमा की खोज की गई है, जिससे इलेक्ट्रा एक चतुष्क क्षुद्रग्रह प्रणाली बन गई है। यह सिर्फ 1.6 किमी चौड़ी है, जो हर 16 घंटे में 344 किमी की दूरी पर मुख्य पिंड की परिक्रमा करती है।
- जहाँ अन्य दो चंद्रमा मोटे तौर पर गोलाकार पथों में परिक्रमा करते हैं, तीसरा चन्द्रमा, अंडे के आकार की कक्षा का अनुसरण करता है।
- यह खोज डॉ. एंथनी बर्देउ ने चिली में वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) से अभिलेखीय डेटा के लिए विकसित किए गए नए एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए की है।