ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD – आर्थिक सहयोग और विकास संगठन)/जी-20 के बहुतायत सदस्यों (भारत सहित) ने एक अहम घोषणापत्र को अपना लिया।
सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के कारण टैक्स चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिये। उल्लेखनीय है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां/उद्योग अपने लाभ को ज्यादा टैक्स लेने वाले देशों से निकाल कर उसे कम टैक्स लेने वाले देशों में स्थांतरित कर देते हैं। इस तरह ज्यादा टैक्स वाले देशों के“टैक्स आधार” का “क्षरण” हो जाता है।
इसके प्रस्तावित समाधान में दो घटक हैं– पहला सिद्धांत है कि लाभ के अतिरिक्त हिस्से को देश-विशेष के बाजार में डाल दिया जाये और दूसरे सिद्धांत में न्यूनतम कर शामिल है, जो कर नियमों के अधीन हो।