वर्ष 2020 के लिए, आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र, उत्तराखंड (संस्था श्रेणी में) और श्री कुमार मुन्नन सिंह (व्यक्तिगत श्रेणी) को आपदा प्रबंधन में उनके सराहनीय कार्य के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चुना गया है।
संस्था के विजेता होने की स्थिति में, उसे एक प्रमाणपत्र और 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यह नकद पुरस्कार केवल आपदा प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों के लिए विजेता संस्था द्वारा उपयोग किया जाएगा। विजेता के व्यक्तिगत होने के मामले में, उसे प्रमाणपत्र और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
वर्ष 2019 के लिए, गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 8वीं बटालियन को आपदा प्रबंधन में अपने सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार के लिए चुना गया था।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार
भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए, भारत सरकार ने एक वार्षिक पुरस्कार की स्थापना की है, जिसे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार के नाम से जाना जाता है। यह पुरस्कार हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर घोषित किया जाता है।
आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार के तहत राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यों का निर्वहन आपदा शमन और प्रबंधन केंद्र ( Disaster Mitigation and Management Centre : DMMC ) करता है। 2006 में स्थापना के बाद से, इसने 2010, 2012 और 2013 में आपदा की प्रमुख घटनाओं के बाद समन्वय, सूचना के आदान-प्रदान और मीडिया ब्रीफिंग से संबंधित विभिन्न कार्यों को पूरा किया है।
श्री कुमार मुन्नन सिंह
2004 में हिंद महासागर सुनामी के दौरान उनके सराहनीय कार्यों के बाद 2005 में श्री कुमार मुन्नन सिंह को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संस्थापक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। एनडीएमए में, श्री सिंह ने अपनी विशिष्ट विशेषज्ञ आपदा मोचन बल, ‘नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स’ को स्थापित करने के लिए श्रमसाध्य प्रयासों की शुरुआत की।