केन्‍द्रीय बजट 2021-22 की मुख्‍य विशेषताएं

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फ़रवरी 2021 को पहला डिजिटल केन्‍द्रीय बजट पेश किया। केन्‍द्रीय बजट 2021-22 की मुख्‍य बातें इस प्रकार हैं :

इस बजट के छह स्तम्भ (6 pillars of the Union Budget 2021-22:) हैं:

  1. स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण
  2. वास्‍तविक और वित्‍तीय पूंजी, और बुनियादी ढांचा
  3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
  4. मानव पूंजी में नवजीवन का संचार
  5. नवोन्‍मेष और अनुसंधान और विकास
  6. न्‍यूनतम सरकार और अधिकतम शासन

2021-भारतीय इतिहास में उपलब्धियों का वर्ष

  • भारत की आजादी का 75वां वर्ष
  • भारत में गोवा के शामिल होने के 60 साल पूरे
  • 1971 में हुए भारत-पाकिस्‍तान युद्ध के 50 वर्ष पूरे
  • स्‍वतंत्र भारत की आठवीं जनगणना का वर्ष
  • ब्रिक्‍स की अध्‍यक्षता के लिए अब भारत की बारी
  • चंद्रयान-3 मिशन का वर्ष
  • हरिद्वार महाकुंभ

आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबी 1.0)

  • 23 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जीडीपी के 10 प्रतिशत से ज्‍यादा
  • पीएमकेजेवाई, 3 आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबी 1.0, 2.0 और 3.0) इसके अलावा पांच छोटे बजटों जैसी घोषणाएं भी बाद में की गईं।
  • आरबीआई के आंकड़ों के आधार पर 27.1 लाख करोड़ रुपए का व्‍यय तीनों आत्‍मनिर्भर पैकेज पर हुआ, जोकि जीडीपी के 13 प्रतिशत से ज्‍यादा है।
  • संरचनात्‍मक सुधार
    • एक देश, एक राशन कार्ड
    • कृषि और श्रम सुधार
    • सूक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उद्योगों की पुन: परिभाषा
    • खनन क्षेत्र का वाणिज्‍यीकरण
    • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण
    • उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजनाएं
  • कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई की ताजा स्थिति
    • 2 मेड-इन-इंडिया टीके – कोविड-19 के खिलाफ भारत के नागरिकों के साथ-साथ 100 से भी अधिक देशों के नागरिकों को चिकित्‍सीय सुरक्षा मुहैया कराने में कारगर साबित
    • 2 या उससे भी अधिक नए टीके जल्‍द उपलब्‍ध होने की आशा
    • प्रति मिलियन न्‍यूनतम मृत्‍यु दर और न्‍यूनतम सक्रिय मामले

राजकोषीय घाटा

  • 2021-22 के बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत अनुमानित है। सरकार की उधारी, बहुपक्षीय उधारी, लघु बचत कोष और लघु अवधि की उधारी से प्राप्त धन के कारण 2020-21 के वास्तविक अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत हो गया है।
  • अगले वर्ष के लिए बाजार से सकल उधारी लगभग 12 लाख करोड़ रुपये रखे गए है।
  • 2025-26 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिए राजकोषीय संकोचन के मार्ग पर अग्रसर होने की योजना है।
  • यह लक्ष्य उचित समाधान के द्वारा कर से प्राप्त आय में वृद्धि और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और भूमि सहित परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण से हासिल किया जाएगा।
  • इस वर्ष अभूतपूर्व परिस्थितियों को देखते हुए एफआरबीएम अधिनियम के भाग 4(5) और 7(3) (बी) के अंतर्गत विचलन विवरणी प्रस्तुत की गई।
  • लक्षित राजकोषीय घाटा स्तर हासिल करने के लिए एफआरबीएम अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
  • वित्त विधेयक के माध्यम से भारत के फुटकर व्यय कोष को 500 करोड़ रुपये बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये किया गया।

कोविड-19 महामारी के दौरान उपलब्धियां और मील के पत्थर

  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई):
    • 2.76 लाखकरोड़रुपयेकाप्रावधान
    • 80 करोड़लोगोंकोमुफ्तअनाज
    • 8 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस
    • 40 करोड़सेअधिककिसानों, महिलाओं, बुजुर्गों, गरीबों और ज़रुरतमन्दों को सीधे नकद धनराशि का अंतरण

सूक्ष्म, लघु एवम्‌ मध्यम उद्योग उत्पाद:

  • स्टील के पेंचों और प्लास्टिक बिल्डर वेयर्स पर 15 % शुल्क
  • झींगा मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सीमा शुल्क पहले के 5 % से 15 %
  • वस्त्र, चमड़ा और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिये शुल्क-मुक्त वस्तुओं के आयात की आजादी

श्रमिक कल्याणः

  • कर्मचारी का योगदान देरी से जमा करने पर इसे नियोक्ता का योगदान नहीं माना जाएगा
  • स्टार्ट-अप्स कम्पनी की टैक्स में छूट की दावे की समयसीमा एक वर्ष और बढ़ाई गई
  • स्टार्ट-अप्स में निवेश करने पर कैपिटल गेन से छूट 31 मार्च, 2020 तक की गई।

छोटे ट्रस्ट को राहतः

  • छोटे चैरिटेबल, जो विद्यालय और अस्पताल चला रहे है उन्हें वार्षिक प्राप्ति की छूट सीमा 1 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये की गई ।

गिफ्ट शहरों में आईएफएससी को कर रियायतः

  • एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों की आय से पूंजी इकट्ठा करने में कर की छूट
  • विदेशी व्‍यवसायियों को विमानों के लिए दिए जाने वाले किराये में कर की राहत
  • अंतर्राष्‍ट्रीय वित्त सेवा केन्‍द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए बजट में कर प्रोत्‍साहन राशि की घोषणा
  • विदेशी निधियों के निवेश पर प्रोत्‍साहन राशि और आईएफएससी में स्थित विदेशी बैंक की शाखाओं में निवेश करने पर कर राहत।

सबके लिए मकान का समर्थनः

  • सस्‍ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्‍याज में 1.5 लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया जाएगा
  • सस्‍ते घर की योजना के तहत कर छूट का दावा करने के लिए पात्रता की समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाई
  • सस्‍ते किराये वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए कर राहत की नई घोषणा।

डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा

  • डिजिटल लेन-देन के लेखापरीक्षा की सीमा 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक बढ़ाई उन लोगों के लिए जो 95 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्‍यम से करते हैं।

विवादों को कमकरनासमाधान आसानः

  • मामलों को दोबारा खोलने की समय सीमा घटाकर 6 वर्ष से 3 वर्ष की गई
  • कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 साल तक दोबारा खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रधान मुख्‍य आयुक्‍त का अनुमोदन प्राप्‍त करना आवश्‍यक है।
  • 50 लाख रुपये तक की कर योग्‍य आय और 10 लाख रुपये तक की विवादग्रस्‍त आय के साथ कोई भी व्‍यक्ति इस समिति में पहुंचने के लिए हकदार होगा और उसे दक्षता, पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समिति के सामने उपस्थित नहीं होना पड़ेगा।
  • राष्‍ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल केन्‍द्र स्‍थापित करने की घोषणा।
  • ‘विवाद से विश्‍वास’ योजना के तहत 30 जनवरी, 2021 तक 1 लाख 10 हजार से अधिक करदाताओं ने इस योजना के तहत 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर विवाद को निपटाने का विकल्‍प चुना है।

वरिष्ठ नागरिकों को राहतः

  • बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्‍ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। भुगतान करने वाला बैंक उनकी आय से आवश्‍यक कर की कटौती करेगा।

15वां वित्तआयोगः

  • 2021-26 के लिए अंतिम रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई, राज्यों के सीधे शेयर 41 प्रतिशत पर रखे गए।
  • केन्द्र से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों को धन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2020-21 में 14 राज्यों को राजस्व हानि अनुदान के रूप में 74340 करोड़ रुपये की अपेक्षा 2021-22 में 17 राज्यों को 118452 करोड़ रुपये दिए गए।

राज्यों की कुल उधारीः

  • 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत कुल उधारी प्राप्त करने की मंजूरी।
    • इसके हिस्से के तहत पूंजीगत व्यय में वृद्धि
    • कुछ शर्तों के साथ जीएसडीपी का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की सीमा प्रदान की गई
  • 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राज्यों का 2023-24 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3 प्रतिशत तक लाना।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण

  • जनजातीय क्षेत्रों में 750 एक्लव्य मॉडल रिहायशी स्कूलों की स्थापना करने का लक्ष्य।
  • ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये करना।
  • पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये करना।
  • जनजातीय विद्यार्थियों के लिए अवसंरचना सुविधा को पैदा करने पर ध्यान देना।
  • अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पुनः प्रारंभ की गई
    • 2025-2026 तक 6 वर्षों के लिए 35,219 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता में वृद्धि की गई
    • इससे 4 करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ मिलेगा

कृषि

  • स्‍वामित्‍व योजना का सभी राज्‍यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में विस्‍तार किया जाएगा। 1241 गांवों में 1.80 लाख संपत्ति मालिकों को कार्ड पहले ही उपलब्‍ध कराए जा चुके हैं
  • · वित्‍तीय वर्ष 2022 में कृषि क्रेडिट लक्ष्‍य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। पशुपालन डेरी और मछली पालन ध्‍यान केंद्रित क्षेत्र होंगे
  • · ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए की जाएगी
  • · सूक्ष्‍म सिंचाई निधि दोगुनी करके 10 हजार करोड़ रुपए की गई
  • · ऑपरेशन ग्रीन स्‍कीम जल्‍दी खराब होने वाले 22 उत्‍पादों तक विस्‍तारित ताकि कृषि और संबद्ध उत्‍पादों में मूल्‍य संवर्द्धन को बढ़ावा मिले।
  • · ई-नाम के माध्‍यम से लगभग 1.68 करोड़ किसानों को पंजीकृत किया गया और 1.14 लाख करोड़ रुपए मूल्‍य का व्‍यापार किया गया। 1000 और मंडियों को पारदर्शिता और प्रतिस्‍पर्धा लाने के लिए ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा

· ईपीएमसी को बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कृषि बुनियादी ढांचा निधियों तक पहुंच मिलेगी।

मछली पालन

  • · समुद्र और देश में आ‍धुनिक मछली बंदरागाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के विकास के लिए निवेश
  • · पांच प्रमुख मछली बंदरगाहों कोच्चि, चेन्‍नई, विशाखापट्टनम, पाराद्वीप और पेतवाघाट को आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा
  • · सीवीड उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु में बहुउद्देशीय सीवीड पार्क

कंपनी मामले

  • लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) कानून 2008 को अपराध मुक्‍त बनाया जायेगा।
  • कंपनी अधिनियम 2013 के तहत लघु कंपनियों की परिभाषा में संशोधन किया जायेगा जिसके तहत प्रदत्‍त पूंजी के लिए उनकी न्‍यूनतम सीमा 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होने के स्‍थान पर 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तथा कारोबार की न्‍यूनतम सीमा 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होने के स्‍थान पर 20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तय किया जायेगा।
  • स्‍टार्टअप और नवाचार के लिए काम करने वालों को ओपीसी की मंजूरी देते हुए एकल व्‍यक्ति कंपनी के निगमन को प्रोत्‍साहित किया जायेगा।
  • प्रदत्‍त पूंजी और टर्नओवर पर बिना किसी प्रतिबंध के उनकी प्रगति को अनुमति देना।
  • किसी भी समय कंपनी के अन्‍य प्रकार में उनके परिवर्तन को अनुमति देना।
  • किसी भारतीय नागरिक के लिए ओपीसी स्‍थापित करने के लिए निवास अवधि सीमा 182 दिन से घटाकर 120 दिन करना।
  • गैर प्रवासी भारतीयों को भारत में ओपीसी स्‍थापित करने की अनुमति देना।
  • मामलों का निम्नलिखित के द्वारा तेजी से समाधान सुनिश्चित करना
  • एनसीएलटी ढांचे को मजबूत बनाना
  • ई कोर्ट – प्रणाली को लागू करना
  • ऋण समाधान के वैकल्पिक तरीकों को शुरू करना और एमएसएमई के लिए विशेष ढांचा
  • मामलों का निम्‍पलिखित के द्वारा तेजी से समाधान सुनिश्चित करना

विद्युत अवसंरचना

  • पिछले 6 सालों में स्‍थापित क्षमता में 139 गीगा वाट्स का इजाफा किया गया है और 1.41 लाख किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी गई हैं, 2.8 करोड़ अतिरिक्‍त घरों में कनेक्‍शन दिये गये हैं।
  • ऐसा फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा जिसमें विद्युत वितरण कंपनियों के बीच प्रतिस्‍पर्धा बढ़े और उपभोक्‍ताओं को विकल्‍प चुनने का अवसर मिले।
  • आने वाले 5 वर्षों में 3,05,984 करोड़ रुपये के व्‍यय से एक परिष्‍कृत और सुधार आधारित तथा परिणाम संबद्ध विद्युत वितरण क्षेत्र योजना शुरू की जायेगी।
  • 2021-22 में एक वृहद हाइड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू किया जायेगा।

शहरी अवसंरचना

  • सरकार मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्‍तार करके और सिटी बस सेवा प्रारंभ कर शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।
  • सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्‍तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी।
    • इसके तहत नवोन्‍मेषी पीपीपी मॉडल लागू किया जाएगा, जिसके तहत निजी क्षेत्र के परिचालकों को 20,000 से ज्‍यादा बसों की खरीद, परिचालन, रख-रखाव और वित्‍त का प्रबंधन करने का अवसर मिलेगा।
    • इस योजना से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ आर्थिक प्रगति की रफ्तार तेज होगी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आवागमन अधिक आसान हो जाएगा।
  • देश में इस समय करीब 702 किलोमीटर पारम्‍परिक मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं और 27 शहरों में 1,016 किलोमीटर लम्‍बी मेट्रो तथा आरआरटीएस लाइनों का निर्माण किया जा रहा है।
  • सरकार ‘मेट्रो लाइट’ और ‘मेट्रो नियो’ – दो नई प्रौद्योगिकियां लागू कर आम लोगों को काफी कम कीमत पर और पहले जैसा अनुभव देने वाली मेट्रो रेल प्रणाली देना चाहती है। यह प्रणाली टियर-2 और टियर-1 शहरों के आस-पास बसे इलाकों में आसान और सुरक्षित आवागमन की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करेगी।

स्‍वास्‍थ्‍य और खुशहाली

  • बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में स्‍वास्‍थ्‍य और खुशहाली में 2,23,846 करोड़रुपये का व्‍यय रखा गया है जबकि 2020-21 में यह 94,452 करोड़रुपये था। यह 137 प्रतिशतवृद्धि को दर्शाता है।
  • स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए तीन क्षेत्रों को मजबूत करने पर ध्‍यान केन्द्रित – निवारक, उपचारात्‍मक, सुधारात्‍मक
  • स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण में सुधार के लिए कदम
    • टीका
      • वर्ष 2021-22 में कोविड-19 टीके के लिए 35,000 करोड़रुपये
      • मेड इन इंडिया न्‍यूमोकोकल वैक्‍सीन वर्तमान में पांच राज्‍यों के साथ देश भर में आ जाएगी- जिससे हर वर्ष 50,000 बच्‍चों की मौतों को रोका जा सकेगा।

स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालियां

  • प्रधानमंत्री आत्‍मनिर्भर स्‍वस्‍थ भारत योजना के लिए 6 वर्ष में 64,180 करोड़रुपये व्‍यय किए जाएंगे – एक नई केन्‍द्र प्रायोगिक योजना जिसे राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अतिरिक्‍त शुरू किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री आत्‍मनिर्भर स्‍वस्‍थ भारत योजना के अंतर्गत मुख्‍य पहल निम्‍नलिखित हैं:
      • एक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए राष्‍ट्रीयसंस्‍थान
      • 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण केन्‍द्र
      • 4 वायरोलॉजी के लिए 4 क्षेत्रीय राष्‍ट्रीय संस्‍थान
      • 15 स्‍वास्‍थ्‍य आपात ऑपरेशन केन्‍द्र और 2 मोबाइलअस्‍पताल
    • सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रयोगशालाएं और 11 राज्‍यों में 33,82 ब्‍लॉक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयां
    • 602 जिलों और 12 केन्‍द्रीयसंस्‍थानों में क्रि‍टिकल केयर अस्‍पताल ब्‍लॉक स्‍थापित करना
    • राष्‍ट्रीयरोगनियंत्रणकेन्‍द्र (एनसीडीसी), इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़ करना
    • एकीकृत स्‍वास्‍थ्‍य सूचना पोर्टल का सभी राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में विस्‍तार ताकि सभी सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रयोगशालाओं को जोड़ा जा सके
    • 17 नईसार्वजनिकस्‍वास्‍थ्‍यइकाइयों को चालू करना और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों को मजबूत करना
    • विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्‍लेटफॉर्म
    • 9 बायो सेफटी लेवल III प्रयोशालाएं

पोषण

  • मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ होगा:
  • पोषणगत मात्रा, डिलीवरी, आउटरीच तथा परिणाम को सुदृढ़ बनाना
  • संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय किया जाएगा
  • 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़ीकृत कार्यनीति अपनाई जाएगी

जल आपूर्ति का सर्वव्‍यापी कवरेज

  • जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये का परिव्‍यय – इसे निम्‍न प्रदान करने के उद्देश्‍य से शुरू किया जाएगा।
  • 2.86 करोड़ परिवारों को नल कनेक्‍शन
  • सभी 4,378 शहरी स्‍थानीय निकायों में सर्व सुलभ जल आपूर्ति
  • 500 अमृत शहरों में तरल कचरा प्रबंधन

स्‍वच्‍छ भारत स्‍वस्‍थ भारत

  • शहरी स्‍वच्‍छ भारत मिशन 2.0 के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय आवंटन
  • स्‍वच्‍छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के अंतर्गत मुख्‍य इरादा
      • पूर्ण मल-मूत्र प्रबंधन और अपशिष्‍ट जल शोधन
      • कचरे के स्रोत पर पृथक्करण
      • एकल उपयोग प्‍लास्टिक में कमीलाना
    • निर्माण और विध्‍वंस के कार्याकलापों के कचरे का प्रभावी रूप से प्रबंध करके वायु प्रदूषण में कमी लाना।
    • सभी पुराने डम्‍प साइटों के बायो उपचार पर ध्‍यान केन्द्रित करना
  • वायु प्रदूषण
    • वायु प्रदूषण की समस्‍या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्‍या वाले 42 शहरी केन्‍द्रों के लिए 2,217 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराना

स्‍क्रैपिंग नीति

  • पुराने और अनुपयुक्‍त वाहनों को हटाने के लिए एक स्‍वैच्छिक वाहन स्‍क्रैपिंग नीति
  • ऑटोमोटिड फिटनेस सेंटर में फिटनेस जांच:
  • निजी वाहनों के मामले में 20 वर्ष के बाद
  • वाणिज्यिक वाहनों के मामलें में 15 वर्ष बाद
  • वास्‍तविक और वित्तीय पूंजी तथा अवसंरचना
    • उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना (पीएलआई)
      • 13 क्षेत्रों में पीएलआई योजना के लिए अगले पांच वर्षों में 1.97 लाखकरोड़रुपये की व्‍यवस्‍था
      • आत्‍मनिर्भर भारत के लिए विनिर्माण वैश्विक चैंपियन बनाना
      • विनिर्माण कंपनियों के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक अभिन्‍न अंग बनने के लिए सक्षमता और अत्‍याधुनिकी प्रौद्योगिकी रखने की आवश्‍यकता
      • प्रमुख क्षेत्रों में व्‍यापकता और आकार लाना
      • युवाओं को नौकरियां प्रदान करना

राष्‍ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की शुरुआत की जाएगी

  • महत्‍वपूर्ण परिसम्‍पत्ति मुद्रीकरण उपाय
  1. 5,000 करोड़ रुपये के अनुमानित उद्यम मूल्‍य के साथ पांच परिचालित टोल सड़कें एनएचएआईआईएनवीआईटी को हस्‍तांतरित की जा रही है
  2. 7,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की ट्रांसमिशन परिसम्‍पत्तियां पीजीसीआईएलआईएनवीआईटी को हस्‍तांतरिक की जाएंगी
  3. रेलवे समर्पित भाड़ा कॉरिडोर की परिसम्‍पत्तियों को चालू होने के बाद प्रचालन और रखरखाव के लिए मुद्रीकृत करेगा
  4. विमान पत्तनों के प्रचालनों और प्रबंधन रियायत के लिए मुद्रीकृत की जाएगी।
  5. अन्‍य प्रमुख बुनियादी ढांचा परिसम्‍पत्तियों के परिसम्‍पत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के तहत शुरू किया जाएगा
    • गेल, आईओसीएल और एचपीसीएल की तेल और गैस पाइपलाइनें
    • टियर II और III शहरों में एएआई विमानपत्तन
    • अन्‍य रेलवे बुनियादी ढांचा परिसम्‍पत्तियां
    • केन्‍द्रीय वेयरहाउसिंग निगम और नैफेड जैसे सीपीएसई की वेयरहाउसिंग परिसम्‍पत्तियां
    • खेल स्‍टेडियम

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