सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने 4 जून, 2020 को नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey: PLFS) जारी किया।
नवीनतम पीएलएफएस के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर (unemployment rate ) 2017-18 में 45 वर्षों के उच्चतम स्तर 6.1% से घटकर 2018-19 में 5.8% हो गई।
महिलाओं की बेरोजगारी 5.7% से घटकर 5.2% हो गई, जबकि पुरुष बेरोजगारी 6.2% से कम होकर 6% हो गई।
शहरी बेरोजगारी दर 2017-18 के 7.8% स्तर से मामूली तौर पर गिरकर 2018-19 में 7.7% के उच्च स्तर पर थी, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर 5.3% से गिरकर 5% हो गई।
श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 36.9% से बढ़कर 2018-19 में 37.5% हो गई। श्रम बल को उन लोगों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो काम कर रहे हैं, या काम की तलाश कर रहे हैं या काम के लिए उपलब्ध हैं।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS)
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) शुरू किया था।
पीएलएफएस के मुख्यत: दो उद्देश्य हैं: वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में केवल शहरी क्षेत्रों के लिए तीन माह के अल्पकालिक अंतराल पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (अर्थात श्रमिक-जनसंख्या अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर, बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना। प्रति वर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस + एसएस) और सीडब्ल्यूएस दोनों में रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाना।
श्रम बल भागीदारी दर (Labour Force Participation Rate): एलएफपीआर को कुल आबादी में श्रम बल के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों (अर्थात कहीं कार्यरत या काम की तलाश में या काम के लिए उपलब्ध) के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
कामगार-जनसंख्या अनुपात (Worker Population Ratio):डब्ल्यूपीआर को कुल आबादी में रोजगार प्राप्त व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।
बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) :इसे श्रम बल में शामिल कुल लोगों में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।