- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 6 जनवरी को अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएनएसटीएस) के लिये हरित ऊर्जा कॉरिडोर (जीईसी) चरण-II की योजना को मंजूरी दे दी।
- इसके तहत लगभग 10,750 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइन तथा सब-स्टेशनों की लगभग 27,500 मेगा वोल्ट-एम्पियर (एमवीए) ट्रांसफार्मर क्षमता को अतिरिक्त रूप से जोड़े जाने को मंजूरी दी गई है।
- इस योजना से सात राज्यों- गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश में ग्रिड एकीकरण और लगभग 20 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा की बिजली निकासी परियोजनाओं को मदद मिलेगी। इस योजना से 2030 तक 450 गीगावॉट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- यह योजना देश में दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में योगदान करेगी तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करके पारिस्थितिक रूप से सतत वृद्धि को बढ़ावा देगी।
- इससे बिजली और अन्य सम्बंधित सेक्टरों में कुशल और अकुशल, दोनों तरह के कामगारों के लिये बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
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