हिंदी साहित्य के प्रख्यात साहित्यकार मंगलेश डबराल का 72 वर्ष की आयु में 9 दिसंबर 2020 को निधन हो गया। उनका जन्म 16 मई, 1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड के काफलपानी गांव में हुआ था।
- उत्तराखंड के निवासी डबराल जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2000 में ‘हम जो देखते हैं’, लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।
- मंगलेश डबराल की कविताओं के भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, डच, स्पेनिश, पुर्तगाली, इतालवी, फ्रांसीसी, पोलिश और बुल्गारियाई भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं।
- उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में ‘पहाड़ पर लालटेन’, ‘घर का रास्ता’, ‘नए युग में शत्रु’, ‘हम जो देखते हैं’ आदि शामिल हैं। डबराल को शमशेर सम्मान, स्मृति सम्मान, पहल सम्मान और हिंदी अकादमी दिल्ली के साहित्यकार सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।