नीति आयोग ने 13 जुलाई 2020 को संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (High-level Political Forum: HLPF) पर सतत विकास, 2020 पर भारत का दूसरा स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (Voluntary National Review: VNR) प्रस्तुत की।
‘कार्रवाई का एक दशक: एसडीजी को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर ले जाना’ शीर्षक से इंडिया वीएनआर 2020 की रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने प्रस्तुत किया।
उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच
उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में प्रगति की निरंतरता और समीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच है।
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के तत्वावधान में एचएलपीएफ की जुलाई में आठ दिनों के लिए सालाना बैठक होती है।
एचएलपीएफ में सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत किए गए वीएनआर 2030 एजेंडा और एसडीजी की प्रगति और कार्यान्वयन की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह समीक्षा स्वैच्छिक और सदस्य देशों द्वारा खुद की जाती है।
इसका उद्देश्य एजेंडा को लागू करने में मिली सफलताओं, चुनौतियों और सबक सहित प्राप्त अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करना है। किसी देश के वीएनआर की तैयारी की प्रक्रिया विभिन्न प्रासंगिक हितधारकों की भागीदारी के माध्यम से साझेदारी के लिए एक मंच प्रदान करती है।
नीति आयोग ने वर्ष 2017 में भारत का पहला वीएनआर तैयार किया और उसे मंच पर प्रस्तुत किया।
भारत वीएनआर 2020
भारत ने बांग्लादेश, जॉर्जिया, केन्या, मोरक्को, नेपाल, नाइजर, नाइजीरिया और युगांडा जैसे अन्य दूसरी बार के प्रस्तुतकर्ताओं के साथ अपनी वीएनआर प्रस्तुत की।
इस साल भारत के वीएनआर में पूरे समाज को सम्मिलित करने की भावना का पालन करने के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। नीति आयोग ने उप-राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों, नागरिक समाज संगठनों, स्थानीय समुदायों, असहज स्थितियों में रहने वाले लोगों और निजी क्षेत्र के साथ काम किया।
17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति की समीक्षा प्रस्तुत करने के अलावा, रिपोर्ट में नीति और उसके अनुरूप पर्यावरण को सक्षम बनाने, एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए भारत के दृष्टिकोण और इनके कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई है।
(Source: PIB)
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