विश्व में एक अरब लोग रजत पीढ़ी के

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) को भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससीज) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों को विकसित और विनियमित करने के लिए एक एकीकृत नियामक के रूप में स्थापित किया गया है। 

  • वैश्विक अनुमान बताते हैं कि विश्व में एक अरब लोग अब वृद्धावस्था (रजत पीढ़ी-Silver generation के) में हैं (अर्थात 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों का एक वैश्विक समूह) जिनकी संयुक्त व्यय शक्ति इस समय 15 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर है और इसका आकार लगातार बढ़ रहा है।
  • औषधीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास से वृद्ध हो चुके लोगों के जीवनकाल और दीर्घायु को और बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह अनुमान है कि 2040 तक, 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों की तुलना में वृद्ध आयु के अधिक लोग होंगे। यह जनसांख्यिकीय परिवर्तन विशेष रूप से धन प्रबंधन, स्वास्थ्य, बीमा और अन्य निवेश उत्पादों के क्षेत्रों में नई चुनौतियों और अवसरों को खोलेगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने दीर्घायु वित्तीय (लॉन्गविटी फाइनेंस) हब विकसित करने के अपने प्रयास के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससीज) द्वारा दीर्घायु वित्तीय हेतु केंद्रों के विकास के लिए दृष्टिकोण की सिफारिश करने और उस दिशा में आगे की कार्यवाही हेतु एक रोड मैप तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
  • विशेषज्ञ समिति की सह-अध्यक्षता बैंक ऑफ़ अमेरिका की अध्यक्ष और देश (भारत) प्रमुख सुश्री काकू नखाटे और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के पूर्व प्रमुख प्रबंध निदेशक श्री गोपालन श्रीनिवासन द्वारा की जा रही है।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *