विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री बाबुल सुप्रियो ने देश में गैंडों के संरक्षण में अग्रिम पंक्ति के वनकर्मियों और अधिकारियों के अथक परिश्रम के लिए उन्हें बधाई देते हुए आभार जताया और कहा कि भारत ने अपने गैंडों का संरक्षण सफलतापूर्वक किया है और देश गैंडों के लिए बेहतर क्षेत्र बन गया है।
- विश्व गैंडा दिवस (World Rhino Day ) प्रति वर्ष 22 सितंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जंगली जीवों की इस प्रजाति के संरक्षण और इसके प्रवास के महत्व को उल्लेखित करना है।
- बीसवीं सदी के आखिर में विलुप्ति के कगार पर पहुँच गए एक सींग और विशाल आकार वाले गैंडों की संख्या संख्या महज़ 200 के आसपास रह गई थी, समय रहते इनके संरक्षण के आवश्यक उपाय करने और केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बेहतर प्रबंधन के चलते इनकी संख्या में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
- एशिया में यह एकमात्र ऐसा स्तनधारी है जिस IUCN की लाल सूची में संकटापन्न से बाहर कर वलनरेबल में कर दिया गया जो संरक्षण की सफलता दर्शाता है।
- इस समय भारत में एक सींग और विशाल आकार वाले गैंडों (Greater One-horned Rhinoceros) की कुल संख्या की 75 प्रतिशत तीन प्रमुख राज्यों असम,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में है।
- गैंडों की आबादी की गणना समय-समय पर राज्य सरकारों द्वारा कराई जा रही है।
- गैंडों की वर्तमान प्रजाति को संरक्षित करने के लिए प्रयास जारी हैं। साथ ही इंडियन राइनो विजन (आईआरवी) 2020 कार्यक्रम के तहत इस प्रजाति का वितरण बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है।
- विश्व धरोहर स्थल मानस राष्ट्रीय पार्क में एक वन से दूसरे वन में गैंडों के आदान-प्रदान का प्रयास सफल रहा है। एक सींग वाले गैंडों को रिकवरी कार्यक्रम के तहत उन 21 प्रजातियों (21 species identified for Recovery programme for critically endangered species ) में शामिल किया है, जो खतरे में हैं।
- पर्यावरण मंत्रालय ने एक सींग वाले भारतीय गैंडों की संख्या बढ़ाने के लिए भी “राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति” (National Conservation Strategy for the Indian One-Horned Rhinoceros) का आरंभ किया है। इसके तहत वैज्ञानिक विधि भी अपनाई जाएगी।
- मंत्रालय असम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मदद से “नई दिल्ली घोषणा पत्र” (New Delhi Declaration) के अनुरूप वह सभी कदम उठा रहा है जो 26-28 फरवरी 2019,को हुए दूसरे एशियाई राज्य संरक्षण सम्मेलन में तय किए गए थे। इस सम्मेलन में भारत के अलावा भूटान, मलेशिया, नेपाल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
(pib)
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