नीति आयोग ने ‘हेल्थ इंश्योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल’ (Health Insurance for India’s Missing Middle) पर 29 अक्टूबर 2021 को एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की, जो भारत की आबादी के बीच स्वास्थ्य बीमा कवरेज में अंतराल को सामने लाई है और जिसमें स्थिति का समाधान निकालने की पेशकश की गई है।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage) की दिशा में एक प्रमुख योजना आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाऔर राज्य सरकार की विस्तार योजनाएँ – आबादी के निचले 50%लोगों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए व्यापक कवर प्रदान करती हैं।
- लगभग 20% आबादी को सामाजिक स्वास्थ्य बीमा के जरिये कवरेज प्राप्त हैऔर निजी स्वैच्छिक स्वास्थ्य बीमा मुख्य रूप से उच्च आय वाले समूहों के लिए बनाया गया है। शेष 30% आबादी, स्वास्थ्य बीमा से वंचित है, जिसे “मिसिंग मिडल”कहा जाता है। मिसिंग मिडल में आंकड़ों को पांच समान भागों में विभाजित करने वाले पांच मूल्यों में से एक क्विनटाइल शामिल हैं और शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
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