स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की 15 मार्च 2021 को जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2011-15 और 2016-20 के बीच हथियारों के आयात में 33 फीसदी की कमी आई है और इसका सर्वाधिक प्रभाव रूस पर पड़ा है।
- रिपोर्ट के अनुसार देश की जटिल खरीद प्रक्रिया और रूसी हथियारों पर निर्भरता कम करने के प्रयास के तहत भारतीय हथियार आयात में कमी प्रतीत होती है। हालांकि अमेरिका से भी भारत में हथियारों के आयात में 46 फीसदी की कमी आई है। भारत अब रूस से पहले के 70 फीसदी की बजाय अब केवल 49 फीसदी हथियार ही खरीद रहा है।
- विगत पिछले कुछ वर्षों में भारत ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं ताकि आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके।
- सऊदी अरब के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बना हुआ है। भारत के बाद मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन का स्थान है।
- रिपोर्ट के मुताबिक चीन द्वारा हथियारों के निर्यात में 2016-20 के दौरान 7.8 फीसदी की कमी आई है। चीनी हथियारों के बड़े खरीदारों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया थे। पाकिस्तान अपने हथियार आयात का 61 फीसदी हिस्सा चीन से लेता है।
- वर्ष 2016-20 में पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातक अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन थे, जबकि शीर्ष आयातक सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन थे।
- सिपरी के अनुसार, 2016-20 के दौरान वैश्विक हथियारों के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 0.2% की थी, जिससे यह देश दुनिया का 24 वां सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया।