नीति आयोग ने 20 जनवरी 2021 को एक आभासी कार्यक्रम में भारत नवाचार सूचकांक (India Innovation Index 2020) का दूसरा संस्करण जारी किया। रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की नवाचार क्षमताओं और प्रदर्शन की जांच की गई है। सूचकांक का पहला संस्करण अक्टूबर 2019 में जारी किया गया था।
- प्रमुख राज्यों’ की श्रेणी में कर्नाटक ने शीर्ष स्थान पर कब्जा बनाए रखा, जबकि तमिलनाडु को पीछे छोड़कर महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर पहुंच गया। तेलंगाना, केरल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब क्रम से शीर्ष दस में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा।
- ‘नॉर्थ-ईस्टर्न / हिल स्टेट्स’ श्रेणी के तहत हिमाचल प्रदेश इस वर्ष दूसरे स्थान से उछाल मारकर शीर्ष रैंक पाने में कामयाब रहा, जबकि 2019 में इस श्रेणी में शीर्ष स्थान पाने वाला सिक्किम चौथे स्थान पर खिसक गया।
- केंद्रशासित प्रदेशों के बीच दिल्ली ने अपनी पहली रैंक बरकरार रखी, जबकि चंडीगढ़ ने 2019 के बाद एक बड़ी छलांग लगाई और इस साल दूसरे स्थान पर आ गया।
- नवाचार इनपुट को पांच समर्थक मापदंडों और आउटपुट को दो प्रदर्शन मापदंडों के माध्यम से मापा गया। ‘ह्यूमन कैपिटल’, ‘इन्वेस्टमेंट’, ‘नॉलेज वर्कर्स ’,“बिजनेस एनवायरनमेंट ’,“सेफ्टी एंड लीगल एनवायरनमेंट ’की पहचान समर्थक मापदंडों के रूप में की गई थी, वहीं, ‘नॉलेज आउटपुट’ और ‘नॉलेज डिफ्यूजन’ को प्रदर्शन मापदंडों के रूप में चुना गया था।
- भारत नवाचार सूचकांक का उद्देश्य भारत के नवाचार माहौल के निरंतर मूल्यांकन के लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार करना है। सूचकांक का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके अंकों के आधार पर रैंक करना, अवसरों और चुनौतियों को पहचानना और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों को तैयार करने में सहायता करना है।