भारतीय गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस (Good Laboratory Practice : GLP) कार्यक्रम के योगदान को मान्यता देते हुए, भारत को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के कार्यकारी समूह, गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस (GLP) का ‘उपाध्यक्ष’ नामित किया गया है।
- गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस (जीएलपी) एक गुणवत्ता प्रणाली है, जिसे आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) द्वारा विकसित किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि औद्योगिक रसायनों, फार्मास्यूटिकल्स (मानव और पशु चिकित्सा), एग्रोकेमिकल्स, कॉस्मेटिक जैसे विभिन्न रसायनों पर उत्पन्न सुरक्षा डेटा उत्पादों, भोजन/फ़ीड योजक, और चिकित्सा उपकरणआदि का नियामक अधिकारियों द्वारा भरोसा किया जा सकता है।
राष्ट्रीय जीएलपी अनुपालन निगरानी प्राधिकरण (NGCMA)
- भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी ) ने 24 अप्रैल, 2002 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ राष्ट्रीय जीएलपी अनुपालन निगरानी प्राधिकरण (National GLP Compliance Monitoring Authority : NGCMA) की स्थापना की।
- एनजीसीएमए (NGCMA) एक राष्ट्रीय संस्था है, जो जीएलपी और ओईसीडीपरिषद के मानदंडों के अनुसार उपर्युक्त श्रेणियों के नए रसायनों पर सुरक्षा अध्ययन करने के लिए परीक्षण सुविधाओं (टीएफ) को जीएलपीप्रमाणन प्रदान करता है। 2004 में एनजीसीएमएद्वारा पहला जीएलपीसर्टिफिकेट प्रदान करना एक मील का पत्थर था।
म्यूचुअल एक्सेप्टेंस ऑफ़ डेटा
- मार्च, 2011 को, भारत ने ओईसीडीमें म्यूचुअल एक्सेप्टेंस ऑफ़ डेटा (Mutual Acceptance of Data : MAD) का पूर्णत: पालनकर्ता बन गया, जो एक ऐतिहासिक घटना थी।
- एमएडी दर्जे ने दुनिया भर में अपनी विश्वसनीयता और स्वीकार्यता को बढ़ाकर भारत के गैर-नैदानिक सुरक्षा डेटा को वैश्विक मान्यता दी है। इससे न केवल भारतीय जीएलपी टीएफ का विश्वास बढ़ा है, बल्कि व्यापार में आने वाली तकनीकी बाधाओं को भी दूर किया है।
- एनजीसीएमए की ग्राउंड टीम द्वारा उभरते क्षेत्रों में भारतीय टीएफ के निरीक्षकों और निरंतर क्षमता निर्माण के लिए समर्पित प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप भारतीय टीएफ को अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए अपग्रेड किया गया है।
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