भारत की पहली आरआरटीएस (Regional Rapid Transit System : RRTS) ट्रेनों का पहला लुक 25 सितम्बर 2020 को जारी किया गया।
- दिल्ली -गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पहले चरण में बनाए जाने वाले प्राथमिकता वाले तीन आऱआऱटीएस कॉरिडोरों में से एक है। 82 किलोमीटर लंबा यह दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर भारत में बनने वाला पहला आरआरटीएस कॉरिडोर होगा।
- इस कॉरिडोर के चालू होने से दिल्ली से मेरठ पहुंचने में लगने वाला समय घटकर एक तिहाई रह जाएगा। इससे दिल्ली से मेरठ जाने में मात्र एक घंटे का समय लगेगा जबकि अभी इसमें तीन-चार घंटे का समय लगता है।
- पहले चरण के अन्य दो आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत हैं।
- स्टेट ऑफ दि आर्ट आरआरटीएस ट्रेनें भारत की पहली ऐसी ट्रेनें होंगी जो 180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिजाइन गति से चलेंगी।
- इनकी बाहरी बॉडी चमकदार स्टेनलैस स्टील की होगी ,ये एयरोडायनैमिक आरआरटीएस ट्रेनें वज़न में बहुत हल्की और पूरी तरह वातानुकूलित होंगी । हर डिब्बे में छह ऑटोमैटिक प्लग इन टाइप के चौड़े दरवाज़े होंगे जिनमें से तीन तीन दरवाज़े दोनों तरफ होंगे।
- एनसीआरटीसी (NCRTC) भारत सरकार (50 प्रतिशत) और हरियाणा सरकार (12.5 प्रतिशत), एनसीटी दिल्ली (12.5 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश(12.5 प्रतिशत) और राजस्थान (12.5 प्रतिशत) सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है ।
- यह भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधीन काम करता है और एनसीआर में आरआरटीएस के डिज़ाइन तैयार करने, निर्माण, वित्तीय संसाधन जुटाने, परिचालन करने और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।
- एनसीआरटीसी को एनसीआर में भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेन को चालू करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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