पर्यावरण और जैवविविधता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग विकसित करने के लिए भारत और फिनलैंड ने 26 नवंबर 2020 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- यह समझौता ज्ञापन भारत और फिनलैंड की साझेदारी और समर्थन, समझौता वायु तथा जल प्रदूषण की रोकथाम,अपशिष्ट प्रबंधन, सर्कुलर अर्थव्यवस्था संवर्द्धन, निम्न कार्बन सोल्यूशन्स तथा वन, जलवायु परिवर्तन, मरीन तथा तटीय संसाधन संरक्षण सहित प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठ व्यवहारों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा।
- वर्चुअल रूप से समझौता ज्ञापन पर भारत की ओर से केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर और फिनलैंड की पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री सुश्री कृस्टा मिक्कोनेन ने हस्ताक्षर किए।
- श्री जावडेकर ने बताया कि भारत ने 2020 तक अपनी जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता 2005 स्तर से ऊपर 21 प्रतिशत कम करने का स्वैच्छिक लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और लक्षित वर्ष 2030 से पहले 35 प्रतिशत कमी का लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयार है।
- पेरिस समझौता के अंतर्गत प्रस्तुत अपनी राष्ट्रीय निर्धारित योगदानों (NDC) के रूप में भारत ने गुणात्मक जलवायु परिवर्तन के तीन कदम उठाये हैं। इनमें 2030 तक जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता 2005 स्तर से 33 से 35 प्रतिशत कम करना, 2030 तक 40 प्रतिशत संचयी विद्युत का लक्ष्य प्राप्त करना और अतिरिक्त वन तथा पेड़ लगाकर 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन का अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाना शामिल है।