भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 दिसंबर, 2019 को ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ ( Operation Twist) के तहत एक ही साथ सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने व बेचने का निर्णय किया है।
खुला बाजार संचालन (ओपन मार्केट ऑपरेशंस) के तहत भारतीय रिजर्व बैंक 2029 में परिपक्व हो रहे 10,000 करोड़ रुपये में 6.45 प्रतिशत सरकारी बॉण्ड ( government securities) खरीदेगा और 2020 में परिपक्व हो रहे अल्पकालिक 10,000 करोड़ रुपये का बॉण्ड बेचेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के इस कदम का उद्देश्य यिल्ड का प्रबंधन है। आरबीआई जो बॉण्ड खरीदेगा उसका भाव रेपो दर के ऊपर 150 बेसिस प्वाइंट है। इससे इन प्रतिभूतियों के दीर्घकालिक यिल्ड में कमी आएगी।
दीर्घकालिक उधार को सस्ता करने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 2011-12 में ऑपरेशन ट्विस्ट का सहारा ले चुका है। यह कदम फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोमी पॉवेल ने उठाया था।
आरबीआई के कदम का औचित्य
भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 2019 में ब्याज दरों में पांच बार कमी कर चुका है और इस कमी की वजह से ब्याज दरों में 135 बेसिस प्वाइंट (बीपीएस) की कमी गई परंतु 10 वर्षीय सरकारी यिल्ड (सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश पर रिटर्न) में महज 80 बीपीएस की कमी हुयी यानी यह 7.55 प्रतिशत (फरवरी 2019) से कम होकर 19 दिसंबर को 6.75 प्रतिशत ही आया। बैंकों द्वारा दिए गए ब्याज दरों (बैंकों द्वारा दिए जाने वाले उधार) में भी कोई अधिक कमी नहीं आयी।
चूंकि सरकारी बॉण्ड के मूल्य एवं उस पर यिल्ड विपरीत दिशाओं में चलते हैं। इसलिए बॉण्ड को खरीदने से इसके मूल्य में वृद्धि करेगा परंतु इसके यिल्ड में कमी आएगी। बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज पर ब्याज दर निर्धारण में यह यिल्ड बेंचमार्क के रूप में काम करता है।
CLICK HERE FOR GS TIMES CURRENT AFFAIRS BASED UPSC PRELIMS TEST SERIES IN HINDI
जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक के करेंट अफेयर्स क्विज उत्तर व व्याख्या पीडीएफ के लिए यहां क्लिक करें
CLICK HERE FOR CURRENT AFFAIRS STANDARD OBJECTIVE QUIZ IN HINDI