यूनाइटेड किंगडम की एक भौतिकविज्ञानी ने कोरोनावायरस लॉक डाउन के दौरान क्वांटम टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए पदार्थ की पांचवीं अवस्था का निर्माण किया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स की डॉ. अमृता गडगे ने बोस-आइंस्टाइन कंडेंसेट (Bose-Einstein condensate : BEC) को सृजित किया है जो कि पदार्थ की पांचवीं अवस्था है।
अपने घर पर ही काम करते हुए डॉ. गडगे ने लेजर एवं रेडियो तरंगों को नियंत्रित कर बीईसी का निर्माण किया। यह उपलब्धि दूर रहकर (प्रतिकूल माहौल या पानी के भीतर रहते हुए) कंप्यूटर का उपयोग करते हुए क्वांटम टेक्नोलॉजी को संचालित करने की रूपरेखा प्रस्तुत करता है।
क्वांटम टेक्नोलॉजी (quantum technology) सूचना प्रसंस्करण की गति को तेज करने के लिए भौतिकी के क्वांटम प्रभाव का उपयोग करती है।
उल्लेखनीय है कि पदार्थ की चार अवस्थाओं ठोस, द्रव, गैस और प्लाजमा के अलावा बोस-आइंस्टाइन कंडेंसेट पांचवीं अवस्था है। यह वह अवस्था है जिसमें अत्यधिक ठंडे परमाणु एक साथ जुड़ जाते हैं और इस तरह व्यवहार करते हैं मानो वे एकल इकाई हो।
इसका निर्माण परम शून्य से अंश ऊपर केवल वैसे परमाणु में होता है बॉसन के जैसा व्यवहार करता है। बॉसन, दो मूल कणों (पर्टिकल्स) में से एक है। वैसे बोस-आइंस्टाइन कंडेंसेट (बीईसी) अवस्था को आज से लगभग 25 वर्ष पहले प्रायोगिक स्तर पर सिद्ध किया गया था।
File Image: NASA