बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (ड्रिप) के दूसरे चरण के लिए ऋण समझौते पर हस्ताक्षर

देश में जल सुरक्षा को बढ़ावा देने और दीर्धकालिक विकास को समर्थन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (ड्रिप फेज-2: DRIP-2) के दूसरे चरण के लिए विश्व बैंक के साथ 250 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

यह ड्रिप फेज-2बाह्य सहायता प्राप्त ड्रिप फेज-2 और फेज-3 का पहला चरण है, जिसे भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 2020 में अनुमोदित किया गया है।

इस योजना में 19 राज्यों और 3 केन्द्रीय एजेंसियों की भागीदारी है।दोनों चरणों के लिए बजट का खर्च 10,211 करोड़ रुपये है, जिसके कार्यान्वयन की अवधि 10 वर्ष है। इस योजना को दो चरणों में लागू किया जाएगा, दो वर्ष के ओवरलैप के साथ प्रत्येक चरण की अवधि 6 वर्ष है।

चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जहां पर 5,334 बड़े बांध संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा वर्तमान समय में लगभग 411 बांध निर्माणाधीन हैं। यहां पर कई हजार छोटे-छोटे बांध भी मौजूद हैं।

ये बांध देश की जलीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। भारतीय बांध और जलाशय वार्षिक रूप से लगभग 300 अरब घन मीटर पानी का भंडारण करते हैं और हमारे देश के आर्थिक और कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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