दक्षिण अंडमान द्वीप की एंडेमिक दुर्लभ ताड़ को अब दूसरी बार केरल के तिरूवनंतपुरम के पास पालोड में लगाया गया है ताकि इसे भारत की मुख्य भूमि पर बचाये रखा जा सके।
पालोड में इस पेड़ को लगाने का श्रेय जवाहरलाल नेहरू ट्रॉपिकल बोटैनिकल गार्डन एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट (जेएनटीबीजीआरआई) को जाता है। इससे पहले भी इसी संस्थान ने इस पौधा का लगाया था परंतु हाथियों ने सभी नमूनों को अपना आहार बना लिया।
पिनंगा अंडमानेंसिस (Pinanga andamanensis) नामक इस पेड़ के लगभग 600 नमूने दक्षिण अंडमान के माउंट हैरियट नेशनल पार्क में प्राकृतिक रूप पाये गये हैं।
जेएनटीबीजीआरआई के वैज्ञानिकों ने पिनंगा अंडमानेंसिस को ‘एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति कहा है।
पिनंगा अंडमानेंसिस का वर्णन मूल रूप से 1934 में इतालवी वनस्पतिशास्त्री ओडोराडो बेस्करी द्वारा किया गया था। बाद में माउंट हैरियट नेशनल पार्क में इसके कुछ नमूनों को देखा गया।