भारत सरकार द्वारा राज्य के स्वामित्व वाली पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (PFC) को 12 अक्टूबर 2021 को ‘महारत्न’ का दर्जा प्रदान किया गया, इस प्रकार से पीएफसी को बृहद् रूप से परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त हो चुकी है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले लोक उद्यम विभाग द्वारा इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया।
- पीएफसी, जिसे 1986 में निगमित किया गया, आज सबसे बड़ी आधारभूत संरचना वित्त कंपनी है, जो ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में विशेष रूप से विद्युत क्षेत्र के लिए समर्पित है।
- सरकार द्वारा प्रदान की गई ‘महारत्न’ मान्यता पीएफसी को विद्युत के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी वित्तपोषण की पेशकश करने में सक्षम बनाएगी, जो सभी के लिए 24×7 सस्ती और विश्वसनीय विद्युत उपलब्ध कराने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
- पीएफसी को ‘महारत्न’ का दर्जा प्राप्त होने से वित्तीय निर्णय लेते समय पीएफसी बोर्ड को भी बढ़ी हुई शक्तियां प्राप्त होगी। एक ‘महारत्न’ सीपीएसई का बोर्ड, संयुक्त वित्तीय उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के लिए इक्विटी निवेश कर सकता है और साथ ही साथ भारत और विदेशों में विलय और अधिग्रहण भी कर सकता है, जो कि संबंधित सीपीएसई की निवल संपत्ति की 15 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अधीन, एक परियोजना में 5,000 करोड़ रुपये तक सीमित है।
- बोर्ड कार्मिक एवं मानव संसाधन प्रबंधन और प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं का संरचना निर्माण और कार्यान्वयन भी कर सकता है। वे प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम या अन्य रणनीतिक गठबंधन में भी शामिल हो सकते हैं।
CLICK HERE DAILY CURRENT AFFAIRS QUIZ FOR UPPCS, BPSC, RPSC, JPSC, MPPSC PT EXAM