प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की अत्यधिक जरूरत को देखते हुए, नीति आयोग ने 22 अक्टूबर को “पार्ले फॉर द ओशन्स” के संस्थापक और सीईओ सिरिल गुत्श के साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार की अध्यक्षता में “प्लास्टिक मुक्त शहरों और महासागरों” पर एक राष्ट्रीय नीति संवाद का आयोजन किया। माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव इस संवाद के मुख्य अतिथि थे।
- 2018 में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री ने 2022 तक 100 फीसदी एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को खत्म करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। तब से भारत ने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबंध और निषेध सहित कई नियामक हस्तक्षेप किए हैं।
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने तर्क देते हुए कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन 17 एसडीजी में से 14 में योगदान करने के लिए एक अनूठा एक-दूसरे से संबंधित अवसर पैदा करता है, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करने के लिए गंगा नदी व तटीय क्षेत्रों में प्लास्टिक का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और द्वीपों के साथ सहयोग का सुझाव दिया।
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि प्लास्टिक समाज में वरदान से अभिशाप बन जाने का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2022 तक एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का वचन देने वाला एक अग्रणी देश है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि तकनीकी प्रगति के युग में नवाचार आगे का रास्ता होगा और देश की विभिन्न आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
CLICK HERE DAILY CURRENT AFFAIRS QUIZ FOR STATE CIVIL SERVICES