दिल्ली के एम्स में एक 11 वर्षीय लड़के की मौत हो गई, मौत के पीछे की वजह बर्ड फ्लू का संक्रमण बताया जा रहा है। देश में इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण और इससे होने वाली मौत का यह पहला मामला है। सामान्य तौर पर पक्षियों में होने वाली यह बीमारी दुलर्भ मामलों में इंसानों में संक्रमण का कारण बन सकती है।
- बर्ड फ्लू के नाम की यह बीमारी, एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है। यही कारण है कि बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस भी कहते हैं।
- यह वायरल वायरस वैसे तो पक्षियों को अपना शिकार बनाता है लेकिन इंसान भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। इस वायरस के बहुत से स्ट्रेन हैं। कुछ माइल्ड होते हैं जबकि कुछ बहुत अधिक संक्रामक होते हैं और जिससे बहुत बड़े पैमाने पर पक्षियों के मरने का खतरा पैदा हो जाता है।
- इन्फ्लूएंजा के 11 वायरस हैं जो इंसानों को संक्रमित करते हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ पांच ऐसे हैं जो इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। ये हैं- H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, इंसानों में बर्ड फ्लू के 800 से अधिक केस पाए गए हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इसमें सर्दी, जुकाम, खांसी, सांस फूलना, मांसपेशियों में दर्द होना, सिर दर्द, ठंड के साथ बुखार आना आदि लक्षण नजर आते हैं। इसके लक्षण सामने आने में करीब 2 से आठ दिन का समय लग जाता है।
- बर्ड फ्लू से होने वाली मृत्यु दर करीब 60 फीसदी है। आंकड़ों की मानें तो 2006 से 2018 के बीच भारत में करीब 225 जगहों पर इसका संक्रमण फैला। इसके संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए 83.49 लाख पक्षियों को मारना पड़ा।