तमिराबरानी सभ्यता है 3,200 साल पुरानी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 15 करोड़ रुपये की लागत से तिरुनेलवेली में पोरुनई संग्रहालय (Porunai Museum ) की स्थापना की घोषणा 9 सितंबर, 2021 को राज्य विधानसभा में की।

  • श्री स्टालिन ने यह घोषणा मियामी स्थित बीटा एनालिटिक टेस्टिंग लेबोरेटरी की उस रिपोर्ट के बाद गयी जिसमे कार्बन डेटिंग के आधार पर दक्षिणी तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के शिवकलाई में एक दफन कलश में पाए गए मिट्टी के साथ चावल को 1155 ईसा पूर्व का बताया है जिसका मतलब यह है कि तमिराबरानी सभ्यता (Thamirabarani civilisation ) 3,200 साल पुरानी है।
  • श्री स्टालिन ने कहा कि तमिल मूल की खोज के लिए अन्य राज्यों और देशों में पुरातात्विक खुदाई की जाएगी। पहले चरण में, केरल में मुसिरी के प्राचीन बंदरगाह, जिसे अब पट्टनम के नाम से जाना जाता है, पर अध्ययन किया जाएगा।
  • श्री स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु पुरातत्व विभाग मिस्र में कुसीर अल-कादिम और पर्निका अनेके (Quseir al-Qadim and Pernica Anekke), जो कभी रोमन साम्राज्य का हिस्सा थे, और साथ ही ओमान में खोर रोरी (Khor Rori) में तमिलों के व्यापार संबंध स्थापित करने के लिए शोध किया जायेगा ।
  • स्टालिन ने कहा कि सूर्य और चंद्रमा की नक्काशी वाला चांदी का सिक्का जो कीझाड़ी (Keezhadi excavation) खुदाई में मिला था, चौथी शताब्दी ईसा पूर्व की है, जो कि कलकत्ता विश्वविद्यालय के मुद्राशास्त्र विशेषज्ञ सुष्मिता बसु मजुम्बर की राय के अनुसार मौर्य सम्राट अशोक के काल से पहले की है।

(Source: The Hindu)

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