नीति आयोग ने 30 सितंबर, 2021 को भारत में जिला अस्पतालों की प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसका शीर्षक “जिला अस्पतालों के कामकाज में अपनाये जा रहे तौर-तरीके” (Best Practices in the Performance of District Hospitals) है।
- इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ इंडिया ने आपसी सहयोग से तैयार किया है। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के एक घटक बोर्ड नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ने ऑन-ग्राउंड डेटा का सत्यापन किया है।
- कुल मिलाकर 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिला अस्पताल बिस्तर, मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ, कोर हेल्थ और डायग्नोस्टिक टेस्टिंग सेवाओं की उपलब्धता से लेकर बेड ऑक्यूपेंसी रेट और प्रति सर्जन सर्जरी की संख्या जैसे संकेतकों पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले के रूप में उभर कर सामने आये हैं।
- प्रति 100,000 जनसंख्या पर कार्यात्मक अस्पताल बिस्तरों की संख्या के मामले में भारत में औसतन एक जिला अस्पताल में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 24 बिस्तर हैं।
- भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) 2012 के दिशानिर्देश जिला अस्पतालों को प्रति 1 लाख आबादी पर कम से कम 22 बिस्तर बनाए रखने की सलाह देते हैं। जनसंख्या के आकार के संबंध में एक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्यापर विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुशंसा करता है कि प्रत्येक 1,000 लोगों के लिए कम से कम 5 बिस्तर होना चाहिए।
- आईपीएचएस मानदंडों को पूरा करने के मामले में उत्तर प्रदेश में जिला अस्पतालों में डॉक्टरों का अनुपात सबसे अधिक (12.7%) था, इसके पश्चात कर्नाटक (9.5%), दिल्ली (8.5%), हरियाणा (8.5%), और जम्मू और कश्मीर (5.8%) का स्थान आता है। हालांकि, प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में आईपीएचएस मानदंडों को पूरा करने वाले अस्पतालों के प्रतिशत को देखें तो केवल चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और गोवा में सभी जिला अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों के लिए आईपीएचएस मानदंडों को पूरा किया गया था।