कैबिनेट ने गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर, जामनगर में आयुर्वेद संस्थानों जैसे (क) आयुर्वेद में परा स्नातक शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, (ख) श्री गुलाबकुनवर्बा आयुर्वेद महाविद्यालय और (ग) फार्मेसी इकाई समेत आयुर्वेद फार्मास्यूटिकल्स साइंसेज और महर्षि पतंजलि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान को आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के स्वस्थवृत्त विभाग में शामिल कर इसे (आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान) राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने को मंज़ूरी दी है।
आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, जामनगर को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने के लिए इससे संबंधित विधेयक को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
प्रभाव
- भारत में जन स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में आयुष व्यवस्थाओं की तेजी से बढ़ती भूमिका को देखते हुए इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य में आयुर्वेद की भूमिका और महत्व को प्रोत्साहन मिलेगा।
- आयुर्वेद को बढ़ावा देने से स्वास्थ्य के मद पर भारत सरकार का खर्च घटेगा क्योंकि रोग निवारक दृष्टिकोण की वजह से आयुर्वेद किफायती होता है।
- प्रस्तावित संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलने से इसे आयुर्वेद शिक्षण का स्तर बढ़ाने, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मांग के अनुरुप विभिन्न पाठ्यक्रम तैयार करने, उन्नत मूल्यांकन कार्य पद्धति अपनाने में स्वायत्तता मिल सकेगी। इसे लोगों में आयुष की गहरी पैठ बनाने के लिए अपना प्रमाणन पाठ्यक्रम बनाने का अधिकार मिल जाएगा और जन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में इसकी क्षमता को उभारने की क्षमता भी बढ़ेगी।