कर्नाटक में अपनी प्रगतिशील परियोजना RE-HAB (मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी-मानव संघर्ष को कम करना) की सफलता से उत्साहित होकर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने अब इस परियोजना को असम में दोहराया है।
- केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने असम के गोलपारा जिले के ग्राम मोरनोई में आरई-एचएबी परियोजना का शुभारंभ किया, इस इलाके में हाथी-मानव संघर्ष की काफी घटनाएं होती हैं।
- घने जंगलों से घिरे हुए असम के एक बड़े हिस्से में हाथियों का आना-जाना लगा रहता है, वर्ष 2014 से 2019 के बीच हाथियों के हमलों के कारण 332 लोगों की मौत हुई है।
- RE-HAB परियोजना के तहत मानवीय बस्तियों में हाथियों के प्रवेश को अवरुद्ध करने के लिए उनके मार्ग में मधुमक्खी पालन के बक्से स्थापित करके “मधुमक्खियों की बाड़” लगाई जाती है।
- इन बक्सों को एक तार से जोड़ा जाता है ताकि जब हाथी वहां से गुजरने का प्रयास करता है, तो एक खिंचाव या दबाव के कारण मधुमक्खियां हाथियों के झुंड की तरफ चली आती हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं।
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