विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा कि है की नए कोरोनावायरस के कारण होने वाली बीमारी का आधिकारिक नाम कोविद -19 ( COVID-19) है।
नया नाम वायरस से 1,000 लोगों मरने के बाद आया है। वर्ष 2002-2003 में SARS महामारी से मरने वालों की संख्या यह संख्या कहीं आगे निकल गई है। इस वायरस से 11 फ़रवरी तक हजारों लोग संक्रमित हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ” डब्ल्यूएचओ नए मानव संक्रामक रोगों के नामकरण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (OIE) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के परामर्श और सहयोग से विकसित किया गया। डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी का नाम COVID-19 रखा है, जो कि “कोरोनावायरस बीमारी 2019” के लिए संक्षिप्त नाम है।
कोरोनावायरस वायरस के एक समूह का नाम है जिससे यह संबंधित है। नया कोरोनावायरस को इंटरनेशनल कमिटी ऑन टैक्सोनॉमी ऑफ वायरस ‘सार्स-सीओवी-2’ (SARS-CoV-2) के रूप में वर्गीकृत किया है।
नया कोरोनावायरस के नामों के प्रति बढ़ती दुविधा को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस को नया नाम दिया है।
उल्लेखनीय है कि किसी बीमारी का नामकरण करते वक्त यह ध्यान रखा जाता है कि वह किसी भौगोलिक अवस्थिति, किसी जानवर, किसी व्यक्ति या समूह के लोगों का द्योतक नहीं हो।
कोविड-19 नया नाम ‘कोरोना, वायरस व डिजीज’ के संक्षित रूप में इस बीमारी के सामने आने के वर्ष (2019) को जोड़कर बनाया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा कि बढ़ते साक्ष्यों से स्पष्ट हो रहा है कि चमगादड़ में पाये जाने वाले ज्ञात समान कोरोनावायरस तथा नोवेल कोरोनावायरस के बीच संबंध है। खासकर इसका संबंध चमगादड़ की राइनोलोफस (Rhinolophus) उप-प्रजाति से प्रतीत हो रहा है। ये उप-प्रजातियां दक्षिणी चीन और पूरे एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूरोप में प्रचुर और व्यापक रूप से मौजूद हैं।