आगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि कृष्णा-गोदावरी (केजी) बेसिन में जमा मीथेन हाइड्रेट जीव-जनित (बायोजेनिक) मूल के हैं।
- कृष्णा-गोदावरी (केजी) बेसिन में जमा होने वाला मीथेन हाइड्रेट (methane hydrate) एक समृद्ध स्रोत है जो मीथेन प्राकृतिक गैस, की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
- मीथेन एक स्वच्छ एवं किफायती ईंधन है। अनुमान है कि एक घन मीटर मीथेन हाइड्रेट में 160-180 घन मीटर मीथेन होता है। यहां तक कि केजी बेसिन में मीथेन हाइड्रेट्स में मौजूद मीथेन का सबसे कम अनुमान दुनिया भर में उपलब्ध तमाम जीवाश्म ईंधन भंडार का दोगुना है।
- अध्ययन के प्रधान अन्वेषक डॉ. विक्रम बी लांजेकर ने कहा, “कृष्णा-गोदावरी (केजी) बेसिन और अंडमान एवं महानदी के तट के पास बायोजेनिक मूल के मीथेन हाइड्रेट का भारी मात्रा में निक्षेपण संबद्ध मिथोजेनिक समुदाय के अध्ययन को जरूरी बनाता है।”
- मीथेन हाइड्रेट का निर्माण उस समय होता है जब महासागरों में उच्च दबाव एवं कम तापमान पर हाइड्रोजन-बोंडेड पानी और मीथेन गैस एक– दूसरे के संपर्क में आते हैं।