लोकसभा ने 28 जुलाई को ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 (Insolvency and Bankruptcy Code (Amendment) Bill, 2021) पारित कर दिया । इसे 26 जुलाई को सदन में पेश किया था।
- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवालिया कानून में संशोधन करने वाले अध्यादेश को बदलने के लिए इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था।
- इसके पारित होने से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए दिवाला प्रक्रिया आसान हो जाएगी। विधेयक के लागू होने से Covid-19 महामारी के दौरान बंद हुए या प्रभावित हुए MSME Sector को काफी मदद मिलेगी।
- इस संशोधन में दिवालिया होने की स्थिति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एक प्री-पैकेज्ड इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (PIRP) शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है।
- प्री-पैकेज्ड इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (PIRP) के लिए डिफॉल्ट की सीमा 1 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होगी। एक प्री-पैकेज्ड इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेसके तहत, मुख्य स्टेक होल्डर्स (लेनदार और शेयर होल्डर) एक संभावित खरीदार की पहचान करने के लिए एक साथ आएंगे और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में जाने से पहले एक समाधान योजना पर बातचीत करेंगे।