रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आर्कटिक सर्किल में स्थित एक नदी में एक ऊर्जा संयंत्र से 20,000 टन डीजल तेल रिसाव (Arctic Circle oil spill) के पश्चात आपातकाल की घोषणा की दी।
यह रिसाव तब हुआ जब साइबेरियन शहर नोरलिस्क के पास स्थित इस पावर प्लांट का एक ईंधन टैंक ध्वस्त हो गया और तेल अंबारणाया नदी (Ambarnaya river) में फैल गया। इससे नदी बिल्कुल लाल रंग का हो गया।
यह नदी उस नेटवर्क का हिस्सा है जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संवेदनशील आर्कटिक महासागर में प्रवाहित होती है।
यह पावर संयंत्र विश्व में निकेल व पैलेडियम के सबसे बड़ा उत्पादक नोर्लिस्क निकल की अनुषंगी कंपनी है.
ग्रीनपीस नामक संगठन ने इस रिसाव से आर्कटिक जलमार्गों में 6 अरब रूबल (76 मिलियन डॉलर से अधिक) का अनुमान लगाया है और इस दुर्घटना की तुलना 1989 के अलास्का एक्सन वाल्डेज आपदा से की है।
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