आरोग्य सेतु के संरक्षण में फीचर फोन और लैंडलाइन फोन वाले लोगों को भी शामिल करने के लिए ‘आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (Aarogya Setu Interactive Voice Response System: IVRS)’ को लागू किया गया है। यह सेवा देश भर में उपलब्ध है। यह एक टोल-फ्री यानी नि:शुल्क सेवा है, जिसके तहत नागरिकों को 1921 नंबर पर एक मिस्ड कॉल करने के लिए कहा जाता है और इसके बाद उन्हें प्राप्त कॉल बैक में उनसे अपने स्वास्थ्य के बारे में आवश्यक जानकारियां देने का अनुरोध किया जाता है।
- कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ‘आरोग्य सेतु’ नामक एक एप्लिकेशन को लॉन्च किया है।
- आरोग्य सेतु मोबाइल एप को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने विकसित किया है। इसकी मदद से लोग स्वयं को कोरोना वायरस का संक्रमण होने के जोखिम का आकलन स्वयं ही कर सकते हैं। यह एप अत्याधुनिक ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके संबंधित व्यक्ति के अन्य लोगों के साथ मिलने-जुलने से उत्पन्न होने वाले इस संभावित जोखिम की गणना करता है।
- यह एप दरअसल उपयोगकर्ता (यूजर) को तब संक्रमण के खतरे के बारे में सूचित करता है, जब वह किसी ऐसे व्यक्ति के बगल से गुजरता/गुजरती है जो कोरोना पॉजिटिव है।
- आरोग्य सेतु को अपने मोबाइल फोन पर इंस्टॉल करने पर उपयोगकर्ता से कई सवालों के जवाब देने के लिए कहा जाता है। यदि कुछ उत्तर ऐसे होते हैं जिनसे उपयोगकर्ता में कोविड-19 के लक्षण होने के बारे में संकेत मिलता है, तो यह जानकारी एक ‘सरकारी सर्वर’ को भेज दी जाएगी।
- यह एप गूगल प्ले (एंड्रॉयड फोन के लिए) और आईओएस एप स्टोर (आईफोन के लिए) दोनों पर ही उपलब्ध है। यह 11 भाषाओं (10 भारतीय भाषाएं और अंग्रेजी) में उपलब्ध है।
- यह सेवा मोबाइल एप्लिकेशन के समान ही 11 क्षेत्रीय भाषाओं में लागू की गई है। संबंधित नागरिकों द्वारा दी जाने वाली जानकारियों को आरोग्य सेतु डेटाबेस का हिस्सा बनाया जाएगा और इन सूचनाओं की प्रोसेसिंग की जाएगी, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर उन्हें अलर्ट भेजा जा सके।