स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने 12 फ़रवरी, 2020 को नई दिल्ली में आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटरों के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य एम्बेस्डर ( School Health Programme) लांच किया ।
यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय का संयुक्त कार्यक्रम है ।
उद्देश्य
- आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटरों के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम स्कूली बच्चों के विकास तथा शैक्षणिक उपलब्धियों को उनके स्वास्थ्य तथा तंदुरुस्ती को प्रोत्साहित करके बढ़ावा देगा।
- यह कार्यक्रम रोकथाम, प्रोत्साहनकारी तथा सार्थक स्वास्थ्य की अवधारणा को मजबूत बनाएगा।
- यह आयुष्मान भारत योजना के स्वास्थ्य और वेलनेस केन्द्रों का मूल है। इस कार्यक्रम को फिट इंडिया मूवमेंट, इट राइट अभियान और पोषण अभियान जैसे अन्य सरकारी पहलों से कारगर ढंग से जोड़ा जाएगा, ताकि स्कूली बच्चों के लिए समग्र विकास का मॉडल बनाया जा सके।
- राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 24 घंटे का पाठ्यक्रम विकसित करने, नोडल शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने और सहायक गाइड को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाह से तैयार करने में काफी प्रयास किया है।
- इस नई पहल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से जारी स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम, सेवा प्रावधान (आईएफए, एलबेनडेजोल तथा सेनेटरी नैपकिंग) के अतिरिक्त स्वास्थ्य प्रोत्साहन तथा रोकथाम गतिविधि को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच और सेवा के प्रावधान संबंधी गतिविधियां हमेशा चलती रहती हैं। नए जोड़े गए स्वास्थ्य प्रोत्साहन तथा रोकथाम घटक को प्रत्येक स्कूल में स्वास्थ्य तथा वेलनेस एम्बेस्डर के रूप में चिन्हित दो शिक्षकों द्वारा लागू किया जाएगा। इन एम्बेस्डरों को स्वास्थ्य तथा वेलनेस मैनेजर के रूप में क्लास के मॉनिटर सहायता देंगे।
राष्ट्रीय संसाधन समूह (एनआरजी)
- एनसीईआरटी द्वारा 40 सदस्यों का एक राष्ट्रीय संसाधन समूह ( National Resource Group: NRG) ) बनाया गया है। इस समूह में उन्हें शामिल किया गया है, जो किशोर स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षण कुशलता रखत हैं और अनुभवी हैं।
- एनआरजी राज्य संसाधन समूह को प्रशिक्षित करेगा। राज्य संसाधन समूह में एससीईआरटी, एसआईएचएफडब्ल्यू से दो-दो व्यक्ति तथा पांच क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान (आरआईई)- शिलोंग, मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर तथा अजमेर- में प्रत्येक चयनित जिले से डीआईईटी शामिल किए जाएगे।
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