आभासी न्यायालय का उद्घाटन

आभासी न्यायालय (Virtual Court: यातायात) और ई-चालान परियोजना का 12 नवंबर, 2020 को असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा उद्घाटन किया गया।

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के तत्वावधान में असम सरकार और असम पुलिस के सहयोग से गौहाटी उच्च न्यायालय की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) समिति राज्य में इस परियोजना की शुरुआत कर रही है।
  • महाराष्ट्र का दूसरा आभासी न्यायालय (Virtual Court), जिसे “न्यायकौशल” कहा जाता है, का उद्घाटन हाल ही में 31 अक्टूबर 2020 को भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री अरविन्द बोबडे और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी. वाई.चंद्रचूड़ द्वारा नागपुर में न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में किया गया।
  • ई-चालान समाधान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की एक पहल है, जबकि इसके सॉफ्टवेयर को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित किया गया है। यह मैनुअल चालान की वर्तमान अवधारणा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से निर्मित डिजिटल चालान से बदल देगा।

आभासी न्यायालय

  • आभासी न्यायालय भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय केन्याय विभागके साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति की एक पहल है।
  • आभासी न्यायालय एक ऑनलाइन न्यायालय है, जिसे आभासी न्यायधीश (जो एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक एल्गोरिथम है) द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है, जिसके अधिकार क्षेत्र को पूरे राज्य में बढ़ाया जा सकता है और काम के घंटे 24X7 हो सकते हैं।
  • इस न्यायालय का ईंट और मोर्टार से निर्मित कोई भवन नहीं है। आभासी न्यायालयद्वारा किसी मुकदमे की सुनवाई में, न तो वादीन्यायालय में आएगा और न ही न्यायाधीश को किसी मामले में निर्णयदेने के लिए न्यायालयमें शारीरिक रूप से बैठना होगा।
  • संवाद केवल इलेक्ट्रॉनिक तरीके होगा और सजा एवं आगे जुर्माने या मुआवजे का भुगतान भी ऑनलाइन होगा।
  • इसमें केवल एकल प्रक्रिया की अनुमति है और कोई तर्क नहीं हो सकता है। इससे आरोपी द्वारा अपराध को शीघ्र कबूलना या इलेक्ट्रॉनिक रूप में सम्मन प्राप्त होने पर प्रतिवादी द्वारा हित का शीघ्र अनुपालन संभव हो सकता है।
  • जुर्माने का भुगतान हो जाने पर, ऐसे मामलों को निपटाया हुआ माना जा सकता है।
  • नागरिकों को न तो अदालतों में लाइनों में इंतजार करना पड़ेगा और न ही ट्रैफिक पुलिस वाले से भिड़ना पड़ेगा।
  • यह नागरिकों के साथ-साथ न्यायिक अधिकारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा। यह यातायात पुलिस विभाग में अधिक जवाबदेही और निम्न भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा, जिससे लोगों का जीवन बेहतर होगा।
  • आभासी न्यायालयके कारण असम में 10 न्यायाधीशों का काम केवल एकल न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा औरइस प्रकार, 9 न्यायाधीशों को न्यायिक कार्य करने मेंलगाया जाएगा।
  • वर्तमान में भारत में 9 आभासी न्यायालय कार्यरत हैं- दिल्ली (2 न्यायालय), हरियाणा (फरीदाबाद), महाराष्ट्र (पुणे), मद्रास, कर्नाटक (बेंगलुरु), महाराष्ट्र (नागपुर), केरल (कोच्चि) और असम (गौहाटी)।
  • ये सभी न्यायालय केवल ट्रैफ़िक चालान मामलों को निपटा रहे हैं।

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