केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 12 नवंबर 2020 को आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत भारत सरकार की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिये 12 प्रमुख उपायों की घोषणा की है। इसके तहत 2.65 लाख करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की गई।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
- कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की गई है। योजना के तहत अगर ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान ऐसे नए कर्मचारियों को लेते हैं जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे या जो नौकरी खो चुके हैं, तो यह योजना उनके कर्मचारियों को लाभ देगी।
- इस योजना के तहत लाभार्थी / नए कर्मचारी होंगे: (1) 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पर ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान में रोजगार पाने वाला कोई भी नया कर्मचारी। (2) 15,000 रुपये से कम का मासिक वेतन पाने वाले ईपीएफ सदस्य जिन्होंने 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान रोजगार गंवाया और 01.10.2020 से या उसके बाद कार्यरत है।
- केंद्र सरकार 1 अक्टूबर 2020 या उसके बाद लगे नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में दो साल के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी: 1000 कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठान को कर्मचारी का योगदान (वेतन का 12%) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12%) यानि कुल वेतन का 24% भविष्यनिधि अंशदान देगी। 1000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले प्रतिष्ठान के मामले में केवल कर्मचारी के ईपीएफ का अंशदान (वेतन का 12%) केंद्र सरकार देगी।
- यह योजना 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी होगी और 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी।
घर खरीदने वालों और डेवलपर्स को आयकर में छूट
- आईटी एक्ट की धारा 43 सीए के तहत रियल एस्टेट इनकम टैक्स में सर्किल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू के बीच अंतर 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।
- यह 2 करोड़ रुपये (इस योजना की घोषणा की तारीख से 30 जून 2021 तक) तक की आवासीय इकाइयों की प्राथमिक बिक्री के लिए है।
- धारा 56(2)(x) के तहत इन इकाइयों के खरीदारों को उक्त अवधि के लिए आईटी अधिनियम के तहत 20% तक की छूट भी दी जाएगी। इस आयकर राहत से मध्यम वर्ग को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
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