भारतीय वायुसेना ने पृथक परिवहन (आइसोलेटेड ट्रांसपोर्टेशन) के लिए एक एयरबोर्न रेस्क्यू पॉड अर्पित (Airborne Rescue Pod for Isolated Transportation: ARPIT) का डिजाइन, विकास और निर्माण किया है। इसका उपयोग ऊंचाई वाले क्षेत्रों, अलग-थलग स्थानों तथा दूरदराज के क्षेत्रों से कोविड-19 सहित गंभीर संक्रामक रोगियों को निकालने के लिए किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ आह्वान का समर्थन करते हुए इस एयरबोर्न रेस्क्यू पॉड को बनाने में केवल स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
इसे विकसित करने में सिर्फ साठ हजार रुपये की लागत आई है, जो साठ लाख रुपये तक की लागत वाली आयातित प्रणालियों की तुलना में बहुत कम है।
इसके निर्माण में एविएशन प्रमाणित सामग्री का उपयोग करके इसे हल्के आइसोलेशन सिस्टम के रूप में विकसित किया गया है। इसमें रोगी को देखने के लिए एक पारदर्शी और टिकाऊ उच्च गुणवत्ता वाली प्लास्टिक शीट लगाई गई है, जो मौजूदा मॉडलों की तुलना में ज्यादा बेहतर है।
यह प्रणाली चिकित्सा निगरानी उपकरणों के साथ रोगी को वेंटिलेशन की सुविधा भी देती है। इसके अलावा यह हवाई परिवहन के दौरान कर्मचारियों और ग्राउंड क्रू सदस्यों में संक्रमण का जोखिम रोकने में भी सक्षम है।इसमें जीवन रक्षक उपकरण (मल्टीपारा मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्यूजन पंप्स आदि) भी हैं।