किसानों की आय को बढ़ाने में बागवानी क्षेत्र की भूमिका और व्यापक संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 में बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए 2250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- देशभर में बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास और इसे बढ़ावा देने के लिए, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 को क्षेत्र पहले अधिक 2250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ये आवंटन केन्द्र सरकार द्वारा समर्थित ‘मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच)’ योजना के अंतर्गत किया गया है।
- फल, सब्ज़ियाँ, जड़ और कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधे, नारियल, काजू आदि को कवर करने वाले बागवानी क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को साकार करने के लिए कृषि मंत्रालय एमआईडीएच योजना को वर्ष 2014-15 से लगातार कार्यान्वित कर रहा है। इस क्षेत्र का आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है।
- बागवानी क्षेत्र में सरकार के हस्तक्षेप के कारण आज देश में बागवानी क्षेत्र का उत्पादन कृषि उत्पादन से आगे निकल गया है। वर्ष 2019-20 के दौरान देश में 25.66 मिलियन हैक्टेयर भूमि पर बागवानी क्षेत्र का अब तक का सर्वाधिक 320.77 मिलियन टन उत्पादन हुआ।
- वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में 27.17 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागवानी क्षेत्र का कुल उत्पादन 326.58 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है।
- एमआईडीएच (MIDH) ने बागवानी फसलों की पैदावार करने वाले क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2019-20 तक बागवानी फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन क्रमशः 9% और 14% तक बढ़ा है। इसके अलावा, इस मिशन ने खेतों में इस्तेमाल की जाने वाली सर्वोत्तम प्रणालियों को बढ़ावा दिया है, जिसने खेत की उत्पादकता और उत्पादन की गुणवत्ता में काफी सुधार किया है। एमआईडीएच के लागू होने से न केवल बागवानी क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है, बल्कि इसने भूख, अच्छा स्वास्थ्य और देखभाल, ग़रीबी मुक्त, लैंगिक समानता जैसे सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।