4 नवंबर 2020 को अमेरिका औपचारिक रूप से पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते (Paris climate agreement) से हटने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
- पेरिस समझौते के अनुच्छेद 28 पक्षकारों को इस समझौता से बाहर जाने की अनुमति देता है।
- पेरिस समझौता किसी भी पक्ष या देश को उसके शामिल होने की तारीख़ से तीन साल के बाद बाहर होने का विकल्प देता है।
- बाहर होने की नीयत की आधिकारिक सूचना मिलने के एक वर्ष बाद वापसी प्रभावी होती है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान 3 नवम्बर 2016 को पेरिस समझौते को स्वीकार किया था, और उसके दो महीने बाद ये सम्बन्ध प्रभावी हो गया था।
- अगस्त, 2017 में, डॉनल्ड ट्रम्प प्रशासन ने यूएन महासचिव को औपचारिक रूप से सूचित किया था कि उनका देश जिस तारीख़ को पेरिस समझौते से बाहर होने के लिये योग्य हो जाए, उसी दिन इस समझौते से बाहर होना चाहेगा।
- फ्रांस की राजधानी पेरिस में दिसम्बर 2015 में 190 से ज़्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने पेरिस जलवायु समझौते को अपनाया था, और दिसम्बर 2020 में इस ऐतिहासिक उपलब्धि को पाँच वर्ष पूरे हो रहे हैं।
- पेरिस समझौते के तहत देशों ने वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने और वैश्विक ऊष्मा को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये कार्रवाई करने का संकल्प व्यक्त किया है।
(Source: UN)
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