भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून तथा सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज बंगलुरू के शोधकर्त्ताओं की पीयरजे नामक जर्नल में भारत में तेंदुआ की स्थिति पर एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है।
इस अध्ययन के मुताबिक विगत 190 से 200 वर्षों में भारत में तेंदुआ की आबादी में 75 से 90 प्रतिशत गिरावट आयी है। इस गिरावट की वजह मानव जनित गतिविधियां हैं।
इस अध्ययन में शोधकर्त्ताओं ने प्रोजेक्ट टाइगर के समान ही तेंदुआ के लिए भी परियोजना आरंभ करने की सिफारिश की है।
इस अध्ययन से एक और प्रमुख बात सामने आयी है। इसके मुताबिक भारत में तेंदुआ की आबादी की चार विशिष्ट उप-आबादियां हैं जिनमें काफी आनुवंशिक भिन्नताएं मौजूद हैं।
अध्ययन के मुताबिक भारतीय तेंदुआ की चार विशिष्ट उप-आबादी हैंः पश्चिमी घाट के तेंदुआ, दक्कन पठार अर्द्ध-शुष्क क्षेत्र, शिवालिक माउंटेन तथा तराई क्षेत्र।