क्या है दक्षिण अटलांटिक विसंगति?

यूरोपीयन अंतरिक्ष एजेंसी के नये उपग्रहीय डेटा के मुताबिक अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका के बीच पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) कमजोर हो रहा है जो उपग्रहों एवं अंतरिक्षयानों के लिए समस्या पैदा कर रहा है।

वैज्ञानिकों ने इस परिघटना को ‘दक्षिण अटलांटिक विसंगति’ (South Atlantic Anomaly) की संज्ञा दी है। इस तरह दक्षिण अटलांटिक विसंगति पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की गहनता में व्यापक कमी है।

इन वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र एक प्रकार से कवच की भूमिका निभाता है और यह सौर पवनों एवं ब्रह्मांड के विकिरणों से पृथ्वी की रक्षा करता है। इसके अलावा यह चुंबकीय ध्रुवों का निर्धारण भी करता है।

इस तरह चुंबकीय क्षेत्र के बल में किसी भी प्रकार की कमी एक महत्वपूर्ण परिघटना है।

विगत दो शताब्दियों में पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र औसतन 9 प्रतिशत बल खो चुका है। उल्लेखनीय है कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, पृथ्वी के बाह्य कोर के भीतर द्रव लौह के उमड़ते द्रव्यमान से उत्पन्न विद्युत धाराओं से सृजित होता है।

Source: Nature

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